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Nupur J Sharma and The Sufi Truth: A Dark History

 


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The Balkanisation of Bharatvarsha: Hideous Missionary Agenda Behind the North-South Divide

An enduring scholarly discourse in recent years has revolved around the “manufactured” secessionist propensities in Southern India. Utilizing a term like “manufactured” is imperative, given that these secessionist inclinations are not indigenous to the region, having emerged only after the arrival of Christian missionaries. Every time parties such as the BJP, which are ascribed to be Hindu-nationalist parties, win in a Northern state and lose in a Southern one, various varieties of jibes are used to degrade Hindus and our culture. There is debate over migration and the rise of Hindutva politics, and more often than not, Hinduism comes under fire rather than the specific political parties whose ideals some may not conform to. The North, often seen as the Hindu bastion, becomes an object of enmity for many who conform to these secessionist ideals. The problem with this mindset is that it has been ingrained into the minds of many living in Southern Bharat over centuries. For several centu

कविता: कुछ इतिहास की यादें

कुछ इतिहास की यादें घर घर जय श्री प्रभु राम का गूंज उठा जयकारा है, और राम तो झांकी है, शिव-कृष्ण ने भी हुंकारा है। सदियों के आघातों से अब हिंदू-चेतना दहक उठी, प्रबल शास्त्र के साथ अब सबने शस्त्र की पुकार सुनी। घोरी, बाबर, औरंगज़ेब अब मिट्टी में मिल जाएगा, जिसने आँख उठा कर देखा वो नेत्रहीन हो जाएगा। शांति, प्रेम और भाईचारे की सीमा अब तो गुज़र गई, वेदना रोते-रोते अब आँखें आंसू के लिए तरस गई। इतिहास की ज़ंजीरों से मुक्ति कब मिल पाएगी? कब फिर मीरा अपने कृष्ण के संग झूमने जाएगी? बलिदानों के सैलाब, रक्त की नदियों को तुम स्मरण करो, अब तो मिमियाना छोड़ो, अब तो शेर की भाँति गरज पड़ो। भाई कौन, चारा कौन, ख़ुद से अब फिर पूछो तुम, अब तो बेड़ियाँ तोड़ दो, मेरी भारती के सपूतों तुम! धर्मवीर को धर्म मानकर सीता भाँति पुकारो तम से, मस्जिद जहां बनीं है, पुष्प चढ़ाओ वहीं तुम मन से, फिर दिन ऐसा आएगा की ये भारत अयोध्या बन जाएगा, और धर्मवीर मंदिर बनवाकर सत्ता ठुकरा जाएगा, उस दिन मेरे भारत की गली-गली वृंदावन बन जाएगी, और हिंदू चेतना फिर से प्रेममयी हो जाएगी, इन घावों को भरने में जब सब भाईचारा दिखलायेंगे, तब जा